अम्बेडकरनगर/यूपी। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पर एक दिवसीय धरना दिया। धरने के उपरांत जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को सम्बोधित दस सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया। इस मांग पत्र में मुख्यमंत्री से राज्य कर्मचारियों की समस्याओं के निस्तारण की मांग की गयी है। डा. अम्बेडकर प्रतिमा के नीचे आयोजित धरने की अध्यक्षता राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष सूर्यभान सिंह ने की।
धरने को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के राजकीय कर्मचारियों की लम्बित समस्याओं का निस्तारण न होने से पूरे कर्मचारी समाज में सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्त हो रहा है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रमों व अधिवेशनों में प्रदेश के विभिन्न संगठनों द्वारा विभिन्न प्रकार की मांगे सरकार के समक्ष रखी गयी थी लेकिन शासन स्तर पर उनकी अनदेखी की गयी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कार्यरत राजकीय कर्मचारियों को वर्ष 2008 से षष्टम वेतन का आंशिक लाभ प्रदान किया गया है।
कर्मचारियों को मकान किराया भत्ता,ग्रेड वेतन के आधार पर स्वीकृत किया जा रहा है जबकि मंहगाई की दर दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। चतुर्थ श्रेणीकर्मचारी के पूरे संवर्ग को मृत घोषित कर महत्वपूर्ण अभिलेखों एवं पत्रावलियों के आदन-प्रदान का कार्य संविदा के कर्मचारियों से लिया जा रहा है। निगम कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों की भंति वेतनमान समय पर नहीं प्रदान किया जा रहा है। कर्मचारी नेता शीतला सिंह व रामनेवल वर्मा ने भी धरने को सम्बोधित किया। दिये गये ज्ञापन में मांग की गयी है कि नयी पेंशन व्यवस्था को समाप्त करते हुए पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए। राज्य कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों की भंति समस्त भत्तों की समानता प्रदान की जाए। वेतन समिति 2008 की संस्तुतियों को यथावत लागू किया जाए। समस्त फ ील्ड कर्मचारियों को वाहन भत्ता प्रदान किया जाए। रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्तियां की जाए। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदों को मृत संवर्ग से हटाकर पुर्नजीवित किया जाए। इस मौके पर गन्ना विकास समिति के जिलाध्यक्ष गिरीश मिश्र,उर्मिला उपाध्याय,एम त्रिपाठी,दिनेश पाण्डेय,अनिल यादव,विवेक कुमार,ओमप्रकाश,पवन कुमार आदि कर्मचारी नेता मौजूद रहे।
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