हरियाणा के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

आदित्य शर्मा/पंचकूला/ चंडीगढ़। कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ माेर्चा खोलते हुए जेल भरो आंदाेलन छेड़ दिया। बृहस्पतिवार को प्रदेश में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बैनर तले अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ की तमाम ट्रेड यूनियनों ने लामबंद होकर हर जिले में उपायुक्तों के कार्यालयों का घेराव किया।


कैथल, पंचकूला समेत अन्य जिलों में महिला कर्मचारियों ने भी इस आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। कई जगह पुलिस और कर्मचारियों के बीच धक्का-मुक्की हुई। यूनियन नेताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए सामूहिक गिरफ्तारियां दी। करनाल में कर्मचारियों को हिरासत में लेते वक्त रोडवेज की बसें कम पड़ गईं। वहीं सोनीपत में धारा 144 लागू होने के बावजूद कर्मचारी सचिवालय तक पहुंच गये और वहां उन्होंने जमकर नारेबाजी की।

पंचकूला में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बैनरों के साथ रोष प्रदर्शन करते हुए सैकड़ों कर्मचारियों ने उपायुक्त कार्यालय के सामने एकत्रित होकर गिरफ्तारियां दी। सर्व कर्मचारी संघ जिला पंचकूला के प्रधान ज्ञानचंद घई, सीटू के प्रधान आरएस साथी, प्रेस प्रवक्ता श्रवण कुमार झांगड़ा और सीटू की राज्य समिति सदस्य जगतराम, हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रधान भगीरथ ने आंदोलन की अध्यक्षता करते हुए जेल भरो का ऐलान किया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। सीटू सदस्य जगतराम ने बताया कि 1500 कर्मचारियों ने सामूहिक गिरफ्तारियां दी। उन्हें हरियाणा रोडवेज की 8 बसों में पुलिस लाइन ले जाया गया। दोपहर बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
कर्मचारियों ने कहा कि पूर्व की हुड्डा सरकार ने जहां कर्मचारियों के हितों का हनन किया, वहीं भाजपा सरकार भी आते ही कर्मचारियों की मांगों को दबाने में जुट गयी। कर्मचारियों यूनियनों ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।

ये हैं मुख्य मांगें
कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की नीति बने।
कच्चे कर्मचारियों का न्यूनतम भत्ता 15000 रुपये किया जाये।
ठेका प्रथा खत्म की जाये।
बंद की गईं 140 बचपनशालाओं के कर्मचारियों को समायोजित करें।
मिड-डे मील, आशा वर्कर को रेगुलर किया जाये।
हर कर्मचारी को काम के अनुसार वेतन देने की योजना।