कर्मचारी चयन आयोग को रद्द करने की मांग

रोहतक। प्रदेश सरकार द्वारा गठित कर्मचारी चयन आयोग को रद करने व स्थायी काम-स्थायी रोजगार की मांग को लेकर स्टूडेंटस फेडरेशन ऑफ इंडिया व भारत की जनवादी नौजवान सभा ने संयुक्त रूप से शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया और अपनी मांगों का ज्ञापन पत्र सीटीएम मनोज खत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री को सौंपा। उन्होंने हरियाणा सरकार से संगठनों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने का समय मांगा।

प्रदर्शन से पूर्व एसएफआइ व डीवाइएफआइ के सदस्यों ने मानसरोवर पार्क में सांकेतिक धरना दिया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए डीवाईएफआइ के राज्य सहसचिव विनोद ने कहा कि प्रदेश सरकार पूर्व सरकार के कार्यकाल में सरकारी नौकरियों में हुए फर्जीवाड़े के वास्तविक दोषियों पर शिकंजा कसने की बात करती थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद बेरोजगार नौजवानों को बली का बकरा बना रही है। हरियाणा सरकार ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के गठन में भाजपा और आरएसएस की पृष्ठभूमि से जुड़े अपने चहेतों को शामिल करके आयोग का राजनीतिकरण किया है। इस कदम से भर्तियों में भाई-भतीजावाद व फर्जीवाड़े को ही बढ़ावा मिलेगा।

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए एसएफआइ की जिला अध्यक्ष गीता ने कहा कि वर्तमान सरकार पूर्व सरकार की भर्तियों की समीक्षा करने और पारदर्शिता लाने के नाम पर या तो भर्ती प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में डाल रही है या फिर रद करने का प्रयास कर रही है। इस कार्यप्रणाली के चलते हजारों नौजवानों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। अगर सरकार व न्यायपालिका को भर्तियों में अनियमितताएं मिल रही हैं तो उन्हें सार्वजनिक करते हुए धांधलियों के वास्तविक दोषियों को सामने लाना चाहिए। उन्होंने पात्र अध्यापकों की 29 मार्च को करनाल में होने वाली न्याय पंचायत में बढ़चढ़ कर भाग लेने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा के कर्मचारी चयन आयोग को रद्द कर निष्पक्ष तरीके से नया कर्मचारी आयोग गठित करने की मांग को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सीटीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा और प्रतिनिधिमंडल से मिलने का समय मांगा।