नई दिल्ली। भारतीय कर्मचारी कार्यस्थल पर बड़ी संख्या में दबंगई के शिकार होते है। ज्यादातर कर्मचारी बॉस या सहयोगियों द्वारा गलत आरोप लगाए जाने या फिर निरंतर आलोचना के शिकार होते हैं। यह बात एक सर्वेक्षण में सामने आई है।
एक सर्वेक्षण के अनुसार करीब 55 फीसदी भारतीय कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें कार्यस्थल पर धमकाया जाता है। कर्मचारियों ने अधिकारियों की दबंगई के दो सबसे आम तरीके बताए।
33 फीसदी कर्मचारियों ने कहा कि उन पर ऐसे झूठे आरोप लगाए जाते हैं जो उन्होंने किए ही नहीं। इसके बाद कार्यस्थलों पर उपेक्षा किए जाने के आरोप हैं।
32 फीसदी कर्मचारियों का कहना है कि उनकी बातों को या तो खरिज कर दिया जाता है या फिर नजरंदाज कर दिया जाता है।
इसके अलावा 31 फीसदी कर्मचारियों ने कहा कि बॉस या सहयोगी निरंतर उनकी आलोचना करते हैं
जबकि 29 फीसदी ने कहा कि उन्हें जानबूझकर परियोजना या बैठकों से दूर रखा जाता है।
सर्वक्षण में कहा गया कि 40 फीसदी से अधिक कर्मचारियों ने कहा वे ऐसी घटनाओं के बारे में मानव संसाधन विभाग को नहीं बताते और 81 फीसदी कर्मचारियों ने कहा कि वे अलग-अलग तरीके से धौंस देने वाले अधिकारियों का सामना खुद करते हैं। जिन कर्मचारियों ने ऐसी घटनाओं की जानकारी मानव संसाधन विभाग को दी उनमें से 37 प्रतिशत ने कहा कि इस मामले में कार्रवाई की गई जबकि 21 फीसदी का कहना है कि कुछ भी नहीं किया गया। करिअर बिल्डर की उपाध्यक्ष मानव संसाधन रोजमेरी हैफ्नेर ने कहा कि दबंगई किसी संस्थान में हर जाति, शैक्षणिक योग्यता, उम्र, आय और पद के कर्मचारियों को प्रभावित करती है।
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