मेरठ। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में पश्चिम यूपी के 13 कृषि विज्ञान केंद्रों के कर्मचारियों का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। गुरुवार को कुलपति भी धरना स्थल पर पहुंचे, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं लिए जाने के चलते केवीके कर्मचारी धरना समाप्त करने के लिए राजी नहीं हुए। इस दौरान कर्मचारियों और विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों में नोक झोंक भी हुई। वहीं मौन और आमरण अनशन पर बैठे कर्मचारी नेता शीशपाल की हालत गंभीर बनी हुई है।
पेंशन और विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के समान वेतन और भत्तों की मांग को लेकर कृषि विज्ञान केंद्रों के कर्मचारी मंगलवार से विश्वविद्यालय के प्राशासनिक भवन के सामने धरना दे रहे हैं। कर्मचारी नेता डा. शीशपाल ¨सह मौन व्रत और आमरण अनशन पर हैं। दोपहर दो बजे कुलपति डा. एसचएस गौड़ और वित्त नियंत्रक सतेंद्र कुमार कर्मचारियों से वार्ता करने पहुंचे।
धरने पर बैठे अमित चौधरी ने कहा कि कानपुर और फैजाबाद विश्वविद्यालय से संबद्ध केवीके कर्मचारियों को पेंशन मिल रही है, जबकि सरदार पटेल विश्वविद्यालय से संबद्ध केवीके कर्मचारियों की फाइल ही अभी तक संस्तुति के लिए शासन को नहीं भेजी गई। कई कर्मचारी बिना पेंशन के ही सेवानिवृत्त हो गए।
वित्त नियंत्रक के यह कहने पर कि पहले कार्मिक विभाग यह तय करे कि कर्मचारियों का पद पेंशन के योग्य है या नहीं, पर धरनारत कर्मचारी बिफर गए। विश्वविद्यालय कर्मचारियों से भी पेंशन को लेकर धरनारत कर्मचारियों की कहासुनी हुई। कर्मचारियों ने कहा ठेकों के नाम पर लाखों का भुगतान हो रहा है, लेकिन कर्मचारियों को वेतन देने के लिए धन नहीं है। केवीके कर्मचारियों के आरोपों से आहत वित्त नियंत्रक वार्ता अधूरी छोड़ कर चले गए। इस दौरान विश्वविद्यालय के कर्मचारी नेता राजीव भराला, डा. ओमवीर ¨सह, गजेंद्र पाल, वीरेंद्र गंगवार, आशीष त्यागी, अमित चौधरी, उत्तम राठी, मांगे राम, अनंत कुमार आदि मौजूद रहे।
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