जिंदगी-मौत से जूझ रहे किडनी रोग से पीड़ित रिटायर्ड कर्मचारी के पुत्र के इलाज के लिए अब लोग आगे लाने लगे हैं। पहले जहां डीआईओएस कार्यालय के कर्मचारियों ने मदद को हाथ बढ़ाते हुए सहयोग करते हुए 22 हजार रुपये का योगदान दिया। वहीं अन्य विभाग के लोगों ने भी मदद करना शुरू कर दी है। इसमें एक व्यक्ति ने गोपनीय दान करते हुए पांच हजार रुपये की धनराशि दी है। इसके अलावा बेसिक के शिक्षक कामेंद्र शर्मा ने एक हजार रुपये दिए हैं। हालांकि इलाज के लिए अभी काफी रुपये की आवश्यकता है।
गौरतलब है कि डीआईओएस कार्यालय के रिटायर्ड परिचारक का पुत्र किडनी रोग से पीड़ित है। उसकी दोनों किडनियां खराब हैं। जिसका रोजाना इलाज चल रहा है। इकलौते पुत्र के खातिर इलाज में सब कुछ लगा सके पिता मनोहर की दास्तां को अमर उजाला ने भी प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिस पर उसकी मदद के लिए लोग आने लगे।
सबसे पहले डीआईओएस कार्यालय के 11 कर्मचारियों ने आगे आते हुए मदद के लिए राशि जमा कराई। जो 22 हजार रुपये इकट्ठा हुई। वहीं इसे देख अब अन्य विभाग और बाहरी लोग भी मदद के लिए आगे आने लगे हैं। मंगलवार को बेसिक शिक्षक कामेंद्र शर्मा ने एक हजार रुपये दिए, तो वहीं एक व्यक्ति ने अपनी पहचान को छुपाते हुए पांच हजार की धनराशि डीआईओएस कार्यालय में अजय कुमार के पास जमा की।
अजय कुमार ने बताया कि अभी तक कुल 28 हजार रुपये की राशि जमा हुई है, जो मनोहर को दी जाएगी। बताया कि स्कूल संचालकों व शिक्षकों से भी मदद के लिए कहा गया है। मनोहर ने बताया कि उसके पुत्र के इलाज में करीब साढ़े चार लाख रुपये का खर्चा आ रहा है।
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