भोपाल। राज्य शिक्षा केन्द्र अंतर्गत सर्वशिक्षा अभियान में कार्यरत संविदा कर्मचारियों/अधिकारियों को राज्य शिक्षा सेवा में संवलियन किये जाने की मांग को लेकर म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंध के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर के नेतृत्व में मंगलवार एक प्रतिनिधि मण्डल ने स्कूल शिक्षा मंत्री पारस चंद्र जैन को वल्लभ भवन में ज्ञापन सौंपा।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि राज्य शिक्षा सेवा के गठन में सर्वशिक्षा अभियान के संविदा बी.आर.सी.सी. ( विकास खण्ड स्त्रोत केन्द्र समन्वयक ) के 322 पदों को ए.ई.ओ. तथा डी.पी.सी. (जिला परियोजना समन्वयकों) के 50 पदों को सहायक संचालक में मर्ज कर पदों को नियमित कर दिया। जबकि बी.आर.सी. और जिला परियोजना समन्वयकों ये पद संविदा के पद थे । जब संविदा के पदों को नियमित पदों में परिवर्तित कर दिया तो इन पदों पर पूर्व से जो बी.आर.सी.सी. तथा डी.पी.सी. संविदा पर कार्यरत थे उनको सीधे ए.ई.ओं और सहायक संचालक बनाया जाए।
उसके बाद नई भर्ती की जाए उसके बाद सर्वशिक्षा अभियान के बाकी बचे पद जैसे लिपिक, लेखापाल, डाटा एंट्री आपरेटर,स्टेनोग्राफर, सहायक यंत्री, उपयंत्री,प्रोग्रामर, व्याख्याता, जिला महिला समन्वयक, भृत्य, चौकीदार, वाहन चालक, सहायक परियोजना वित्त, बी.ए.सी. आदि के पदों को भी राज्य शिक्षा सेवा में नियमित पदों का निर्माण किया जाए और उन पदों पर संविदा कर्मचारियों का संविलयन करते हुये नियिमित किया जाए । गौरतलब है कि सर्वशिक्षा अभियान में संविदा कर्मचारियों को कार्य करते हुये 15 से 20 वर्ष हो गये हैं ।
म.प्र. सरकार ने इसी परियोजना में ग्राम समुदायों, और संरपंचों के द्वारा नियुक्त गुरूजियों को बिना किसी परीक्षा के नियमित कर दिया है, अध्यापकों और शिक्षा कर्मियों की नियुक्ति इन्हीं संविदा कर्मचारियों के द्वारा की गई थी आज वे सब नियमित होकर संविदा कर्मचारियों के ऊपर प्रतिनियुक्ति से बैठकर शासन कर रहे हैं , जिससे सर्वशिक्षा अभियान के कर्मचारियों में आक्रोश है ।
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