इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आगामी सत्र में भी शिक्षकों की कमी की वजह से नियमित कक्षाएं नहीं चल पाएंगी तो कर्मचारियों की भर्ती अटकी रहने से लाइब्रेरी से किताबें नहीं मिल पाएंगी। वर्षों की कवायद के बाद भी हाल-फिलहाल भर्ती प्रक्रिया शुरू होती नहीं दिख रही। इतना ही नहीं अफसरों के भी कई पद खाली हैं। कई पदों के लिए तो परीक्षा तथा साक्षात्कार भी हो चुका है लेकिन महीनों से रिजल्ट का इंतजार है।
विश्वविद्यालय में शिक्षकों के तकरीबन पांच सौ पद खाली हैं। इन पर भर्ती प्रक्रिया शुरू है लेकिन विवाद को देखते हुए आगामी सत्र शुरू होने से पहले नियुक्ति की उम्मीद नहीं है। इसकी वजह से नियमित कक्षाओं के साथ रिसर्च भी प्रभावित है। शिक्षकों की कमी की वजह से जेआरएफ भी डीफिल के लिए भटक रहे हैं। इसी तरह से कर्मचारियों के 100 से अधिक पद खाली हैं। इनके अलावा ओबीसी आरक्षण के तहत भी 82 पद स्वीकृत हुए हैं। इसकी वजह से परीक्षा विभाग, लाइब्रेरी का काम बुरी तरह से प्रभावित है।
लाइब्रेरी से छात्र-छात्राओं को किताबें नहीं मिल पाने की मुख्य वजह भी कर्मचारियों की कमी है। कर्मचारियों के रिक्त पदों पर भर्ती की तीन वर्ष से कवायद की जा रही है। नए साल में भी इन पदों के लिए नोटिफिकेशन की कवायद की गई लेकिन अभी तक कुछ नहीं हो सका है। ऐसे में आगामी सत्र शुरू होने से पहले नियुक्ति की उम्मीद नहीं है। विश्वविद्यालय में पीआरओ, असिस्टेंट रजिस्ट्रार, ऑडिटर, असिस्टेंट लाइब्रेरियन समेत कई पद खाली हैं। इनमें से असिस्टेंट पीआरओे, ऑडिटर, लॉ स्टेट ऑफिसर समेत कई पदों के लिए परीक्षा भी हो चुकी है लेकिन छह महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी रिजल्ट घोषित नहीं हो सका।
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