मनरेगा कर्मचारी हड़ताल पर

अगरतला। त्रिपुरा में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना के तहत कार्यरत 2,700 से अधिक कर्मचारियों ने शनिवार को लगातार छठे दिन अपनी हड़ताल जारी रखी। ये कर्मचारी अन्य सरकारी कर्मचारियों के बराबर वेतन में वार्षिक बढ़ोतरी, अपने रोजगार को नियमित करने और अपने काम में विसंगतियों को हटाने की मांग कर रहे हैं।

त्रिपुरा सरकार ने हड़ताल कर रहे स्टाफ को तुरंत काम पर लौटने का आदेश दिया गया है। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की भी बात कही गई है। त्रिपुरा मनरेगा कर्मचारी सामान्य समिति के सचिव जॉयदीप कर ने आईएएनएस को बताया, "जब तक राज्य सरकार हमारी 13 सूत्रीय मांगों को पूरा नहीं करेगी। हम अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।"

प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी हर साल 20 दिनों की भुगतान छुट्टी की भी मांग कर रहे हैं। उन्होंने केंद्र द्वारा चलाई जा रही अन्य योजनाओं में कार्यरत कर्मचारियों की तरह ही अपने काम का ब्यौरा भी दर्ज करने की मांग की है।

त्रिपुरा ग्रामीण विकास मंत्री नरेश जमाठिया, मुख्य सचिव जी. कामेश्वर राव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछले कुछ दिनों में हड़ताल कर रहे कर्मचारियों के साथ बैठकें कर उन्हें आश्वस्त किया कि मौजूदा नियमों के तहत ही उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा।

हालांकि वर्तमान वित्तीय वर्ष (2014-15) में त्रिपुरा मनरेगा योजना को क्रियान्वित करने वाले देश के सभी राज्यों में शीर्ष स्थान पर रहा है। इसके तहत 72 दिनों तक एक व्यक्ति को रोजगार दिया जा रहा है।

गौरतलब है कि मनरेगा की शुरुआत 2005 में की गई थी। इसके तहत प्रत्येक ग्रामीण घर से एक सदस्य को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने का प्रावधान है। 

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