मोगा| पंजाब सरकार की तरफ से तरस के आधार पर नौकरी बंद करने की सिफारिश के बाद नगर निगम के कर्मचारियों में रोष पाया जा रहा है। म्यूनिसिपल इंप्लाइज फेडरेशन के अध्यक्ष विपिन हांडा, सचिव रवि सारवान ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि सरकार की मुलाजिम विरोधी नीतियों को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि किसी मुलाजिम की मौत हो जाने के बाद उसके परिवार को नौकरी मिलने के कारण परिवार की आर्थिक मदद हो जाती है। अब सरकार की ओर से इसको बंद किए जाने के कारण मुलाजिम परिवारों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। इस अवसर पर सफाई सेवक यूनियन के अध्यक्ष सतपाल चांवरिया, महासचिव सेवक राम फौजी ने बताया कि यदि सरकार ने तरस के आधार पर दी जाने वाली नौकरियों को बंद करने का फैसला वापस नहीं लिया तो पंजाब में समूह मुलाजिम जत्थेबंदियां संघर्ष के लिए मजबूर होंगी।
वाटर सप्लाई सीवरेज यूनियन के अध्यक्ष राजकुमार डुलगच तथा चेयरमैन सतपाल अंजान ने कहा कि सरकार की तरफ से जो नई भर्ती किए मुलाजिमों को सिर्फ बेसिक पे दिए जाने का फैसला किया है वह गलत निर्णय है। इतने कम वेतन में एक परिवार का गुजारा नहीं हो सकता। इस बैठक में विशेषतौर पर पहुंचे वार्ड -33 के पार्षद वीरभान दानव ने कहा कि यदि सरकार ने मुलाजिम विरोधी नीतियों के फैसले वापस लिए तो 2017 में सरकार को हार का मुंह देखना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार मुलाजिम विरोधी नीतियों को त्यागकर कर्मचारियों को उनके बनते हक मुहैया करवाए।
Municipal Employees Federation
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