
आपको बतातें चलें कि राधा गोविन्द इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी ने पिछले वर्षों में स्वयं को मोनाड यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध बताकर हजारों छात्रों का एडमिशन लिया था लेकिन एक जनसूचना अधिकार के तहत मागी गई जानकारी के उत्तर में मोनाड यूनिवर्सिटी ने किसी भी संस्थान से अपना सम्बन्ध होने से साफ़ इनकार कर दिया। इस फ़र्जीवाड़े को लेकर पारस शर्मा ने अपने भाई सरस शर्मा के साथ चंदौसी न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया है। दरअसल यह दोनों खुद भी इस फर्जीवाड़े के शिकार छात्र हैं।
इसके बाद राधा गोविंद इंस्टीट्यूट के चेयरमैन पवन कुमार शर्मा मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज तोमर और डायरेक्टर आशीष कुमार के विरुद्ध सम्बंधित धाराओं में एफ़आईआर के आदेश जारी हुए हैं । चौकाने वाली बात यह है कि जहाँ कहीं भी जिम्मेदारों के पास पारस पंहुचा वह आँख और कान बंद करके शिकायत पर मौन रहा। पारस की माने तो उसने आला अधिकारियों और मुख्यमंत्री से भी इसकी शिकायत की लेकिन बुलंद हौसले के साथ इंस्टीयूट खुले आम चलता रहा। आखिर उसने हार कर न्यायालय में वाद दायर किया जिसके चलते मामले पर एफ आई आर के आदेश जारी हुए। न्यायलय ने अपने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया मामला संज्ञेय अपराध का प्रतीत होता है प्रार्थी का सपथ पत्र संलग्न है अतः मामले को धारा 156 (3) में वर्णित तथ्यों के आधार पर सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कर नियमानुसार विवेचना कराया जाना सुनिश्चित करें। उक्त आदेश अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चंदौसी, मुरादाबाद के द्वारा जारी किया गया है। न्यायलय ने यह आदेश सम्बन्धित थाना बेनियापुर को दिया है।
Social Plugin