ढ़िबरी की रोशनी में, विकास की तलाश

रमज़ान खान/दमोह/बटियागढ़। सूबे की सरकार ने बिजली की बेहतरी के लिए बड़े-बड़े वादे किये। लेकिन वादों को जमीनी हकीकत में तब्दील कर पाना अब भी आसान नहीं है। बिजली व्यवस्था को लेकर सरकार के दावे हकीकत से अब भी कोसों दूर है। अब भी जिले के कई गावों में बिजली की चमक देखने के लिए लोग लालायित हैं।ऐसे ही  बटियागढ़ तहसील अंतगर्त आने वाले अगारा गांव के लोग भी पिछले 14 साल से वनवास की तरह अँधेरे में जिंदगी बसर करने को मजबूर हैं। तहसील के फुटेरा से बेलखेड़ी मार्ग पर बसे 800 की आबादी वाले इस गांव के लोगों को बिजली देखना भी दूभर हो गया है ।

आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी यहा के बाशिदे आज भी ढिबरी से विकास की रोशनी तलाश करने में जुटे हैं। गांव में बिजली की चमक बिखरेगी इस आस में ग्रामीणों की आखें पथरा गई है। गाव के  अगल-बगल दुधिया रोशनी देखकर यहा के लोग मायूस होकर अपनी बदकिस्मती पर रोते हैं।

जानकारी के अनुसार गांव में बिजली के पोल तो लगे हैं लेकिन इन में करंट नही है , गांव के मिथलेश तिवारी, सुनका अहिरवाल, निरपत सिंह ने बताया कि गांव में कई साल पहले बिजली सप्लाई चालू थी लेकिन करीब 15 साल पहले ग्रामीणों द्वारा निर्धारित बिल जमा नही करने से इस गांव की आपूर्ति बंद कर दी गई तब से लेकर आज तक इस गांव के लोग अँधेरे में जीवन यापन कर रहे हैं। गांव में बिजली न होने से न तो इस गांव के बच्चे पढ़ाई कर पा रहे हैं और न ही इन्हें  हाई टेक युग की जानकारियां मिल पा रही हैं जिस कारण गांव के सैकड़ों युवाओं का भविष्य बढ़ने की जगह पिछड़ता जा रहा है।

अगारा गांव के सरपंच अजय सिंह ने बताया कि गांव बालों ने कुछ साल पहले बकाया बिल भी जमा कर दिया है लेकिन बिल जमा होने के बाद भी गांव में सप्लाई नही दी जा रही है, जिससे गांव किसान न तो ठीक तरह से खेती करपा रहे हैं और न बच्चे अपनी पढ़ाई , अजय ने बताया कि अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगाते-लगाते यहा की जनता थक चुकी है। लेकिन अब तक कहीं से भी उम्मीद की रोशनी दिखाई नही दे रही है।

इनका कहना है
मुझे कुछ दिन पहले ही बटियागढ़ का चार्ज मिला है ,इस लिए मुझे जानकारी नही है की अगारा में किस कारण से सप्लाई बंद की गई है।आपके द्वारा जानकारी प्राप्त हुई है में जल्द ही पता करके सप्लाई चालू करवाता हूं। महेंद्र कुमार राय जेई