
इस अवसर पर संबोधित करते हुये केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि इन बलिदानियों ने अपने शौर्य एवं प्राणों की आहुति दी इनके बलिदान के कारण हम स्वाभिमान से खड़े हैं। उन्होंने गौड़ साम्राज्य के इतिहास में और अधिक शोध की आवश्यकता बताई। श्री कुलस्ते ने कहा कि यह परम्परा लगातार चलनी चाहिये ताकि आगे की पीढ़ी जिले के इतिहास को समझ सके।
इस अवसर पर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्री शैलेष मिश्रा ने कहा कि युवा पीढ़ी को इन बलिदानियों के इतिहास एवं उनके राष्ट्र प्रेम से जुडी जानकारियां अध्ययन काल से ही होनी चाहिए इसके लिए उन्हे पाठ्यक्रमों में शामिल किये जाने का प्रयास होना चाहिए।
गौंडी पब्लिक ट्रस्ट के संरक्षक श्री गिरिजा शंकर अग्रवाल ने गौंड राजाओं के इतिहास की जानकारी देते हुए शंकर शाह और रघुनाथ शाह की जन्म स्थली किला मंडला होना बताई तथा बताया कि विद्रोह के दौरान उन्हें 14 से 16 सितम्बर 1857 तक जबलपुर की एक काल कोठरी में कैद कर रखा गया तथा वर्तमान एल्गिन अस्पताल के सामने तोप के मुंह में बांध कर मार डाला गया। उन्होंने कहा कि इन स्थलों को संरक्षित करने केन्द्रीय पुरातत्व विभाग को प्रस्ताव भेजे गये हैं। उन्होंने इन ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित करने की मांग रखी।
कार्यक्रम के बीच में विभिन्न लोक नर्तक दल द्वारा आदिवासी लोक नृत्य और कला पथक दल द्वारा गोड़ राजाओं की वीरगाथा से ओतप्रोत लोकगीत प्रस्तुत किये गये।
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