
"जिनके खुद के घर शीशे के होते हैं उन्हें दूसरों के घरों में पत्थर नहीं मारना चाहिए" ये कहावत पाकिस्तान पर एकदम सटीक बैठती है। हमेशा कश्मीर-कश्मीर की रट लगाए हुए पाकिस्तान को पहले अपने घर की हालत सुधारने का प्रयास करना चाहिए। अशिक्षा,आतंकवाद और बेरोजगारी अपने चरम पर है पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को केवल कश्मीर दिखाई देता है। आज तक मैंने पाकिस्तान के किसी भी प्रधानमंत्री को यह कहते नहीं सुना कि हमने अपने देश की प्रगति के लिए ये कदम उठाया है। किसी भी देश के दौरे के दौरान केवल और केवल कश्मीर का रोना रोते रहते हैं। अब उनको कौन समझाए की कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। स्वतंत्रता दिवस के भाषण में हमारे प्रधानमंत्री जी ने स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर के लिए पूरा देश एकजुट है। POK(पाक अधिकृत कश्मीर) का मुद्दा उठाकर मोदी जी ने ये स्पष्ट कर दिया है कि अब वक्त आ गया है कि हमें हमारा पूरा कश्मीर वापस चाहिए।
कश्मीर के लोग अमनपरस्त हैं लेकिन पाकिस्तान वहां के युवाओं को बरगलाकर अशांति फैलाने का प्रयास कर रहा है। पाकिस्तान को शायद ये नहीं पता कि कश्मीर के साथ पूरा हिंदुस्तान खड़ा है।कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत खुशियों से भरा एक परिवार है और जो हमारी खुशियों को छीनने का प्रयास करेगा वो मुँह की खायेगा।
हमारा देश विभिन्न रंग संस्कृतियों का संगम है। हम दीवाली भी मनाते हैं और ईद भी, गुरुपूरब भी मनाते हैं और नवरोज तथा गुडफ्राइडे भी। इसीलिए हमारा देश इतना मजबूत है।
"हम हिंदुस्तानी वतन के लिए जान देते हैं और कश्मीर के बदले ऐ पाकिस्तान! तुझे हम धिक्कार देते हैं।" भारत माता की जय
विवेक कुमार सिंह (सिंगरौली)
viveksingh16071985@gmail.com
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