फारबिसगंज पुलिस के सिपाहियों पर नेपाली नागरिक को लूटने का आरोप

अररिया/Asadur Rahman (asadurrahman00@gmail.com)। जब रक्षक ही भक्षक बन जाये तो तो क्या होगा ?"जी हाँ, फारबिसगंज पुलिस का एक घिनौना चेहरा तब सामने आया, जब पडोसी राष्ट्र नेपाल के एक नागरिक ने अपनी सारी आप-बीती पीड़ा-दायक व्यथा पत्रकारों को सुनाई। यही नहीं उसने इस सच्चाई के कई तथ्य भी सामने रखे। घटना के सन्दर्भ में उक्त व्यक्ति जिसका नाम परशुराम शाह, पिता स्वर्गीय महावीर शाह,उम्र 45, जो पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के रानी बाजार, वार्ड संख्यां 17 बिराटनगर, जिला मोरंग का रहने वाला है, ने बिहार पुलिस की अरारिया जिला शाखा के पुलिस कप्तान सुधीर कुमार पोडिका को एक आवेदन के माध्यम से बताया कि, बीते माह 29 अगस्त को वह अपने एसबीआई बैंक की अंतराष्ट्रीय शाखा विराटनगर नेपाल के अपने दो निजि खाते के ऐटीएम संख्या क्रमश 4595210200117867 तथा दूसरे एक और एटीएम संख्यां 5897439055366437 के द्वारा फारबिसगंज के सुभाष चौक अवस्थित केनरा बैंक के एटीएम मशीन से उसी दिन समय लगभग 12 बजे दिन को पच्चीस हजार (Rs.25000/-)रूपये निकाल कर जैसे ही बाहर आया कि, उसी समय सामने घात लगाये फारबिसगंज पुलिस जीप में बैठे गस्ती दल के सिपाहियों का कथित सुभाष ड्राईवर सामने खड़ी उसी पुलिस जीप से उतर कर उसके पास आया और उसके गाल पर लगातार जोर के दो थप्पड़ जड़ दिए, और कहा "नेपाल से आकर यहाँ के एटीएम से रुपया निकालता है। चलो जीप में बैठो" इसके बाद वह जैसे ही जीप में बैठा कि, उस जीप में पहले से बैठे पांच अन्य वर्दीधारी सिपाहियों सहित इस पीड़ित नेपाली नागरिक को वहां से दो किलोमीटर दूर एन एच 57 पर एक फ्लाईओवर ब्रीज़ के नीचे ले गया और वहां इस काठी सुभाष ड्राईवर ने धमकाते हुए पच्चीस हजार रूपये देने की मांग की, तथा नहीं देने पर उसे जेल में सडा देने की भी दी।

भयवश इस पीड़ित नेपाली व्यक्ति ने किसी तरह बाईस हजार (Rs.22000/-)रुपये दे दिये। दूसरे दिन इस घटना की प्रार्थमिकी दर्ज करने फारबिसगंज थाना पहुंचे इस नेपाली नागरिक को वहाँ किसी सिपाही ने यह कह कर भगा दिया, कि अभी बड़ा बाबु नहीं हैं, चार दिन बाद आना।घटना को लेकर पीड़ित नेपाली नागरिक ने रजिस्ट्री पोस्ट से एक आवेदन एस पी अरारिया को दे दिया है। इसके वावजूद कई दिन बीत गए किन्तु कोई अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है।